Rustic Masti

👉👉👉Anmol Rupu Poetry 👈👈👈

🌸🌸🌸This Poem is my first Rustic (Dehati) Verses 🌺🌺🌺

देखी बचपन- बीती जवानी,आ गया साला बुढापा,
What to do ? no idea sir ji !!
ई बुढियन को देख, खो जाता मेरा आपा !

¶¶ मॅाडर्न  युग है,  है भ्रषट जवाना;
करना हो टाईम पास अगर,
तो बेटा सीख लो Whatsapp चलाना

बचपन में थे संसकार नहीं ,
बोलता मैं तुम,न बोला कभी आप |
सुनते ही मँ दौड कर आती
देती थापे थाप|

थे जवानी के दिन ,जब जागता रातो-रात
वीडियो गेम में गवायाँ सबकुछ„
अब तुबता हूँ मॅड़ और भात|

चुक्का में हुरकुट -  हुरकुट के,
जब निकालता रुपए दो- चार- सात„
तो होता क्या? जाव भितरे !!!!
मिलता लाते- लात !

एक दिन मिला मदन से मैं,,
था बड़ा हरामी  छौंड़ा
भकलोल तरी गरम रौड पकड़ा कर,,
हाथ में कर दिया फोड़ा|

बचपन भी था मजेदार बड़ा ,
बोला मैं HELLO , तो प्यार से बोलती  HI !!!
अब कुछ बोलूँ तो ---  Who are you???
I don't know मेरे भाई !!!


Bathroom में ढुक जाता ,
जब भी होता टेस्ट!
जिसको जाना है मरो जा के
This Day Is Not The Best !!


मेहमान आने का मतलब--
अब होगा जेब गरम!
दिया तो कुछ नहीं भिखारी,
चाय पीकर,,,चीनी भी कर दिया कम |

वैसे बताने को तो है बहुत कुछ,,,
पर बता नहीं सकता यारा,,
पर कुछ भी कहो मेरे कारण....
टीचर्स का हमेसा गरम हुआ है पारा

             
               SO SORRY!!

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